Haridwar/ admin

कर्म से ही जीवन में उत्कर्ष संभव है; हमें भगवतगीता में भगवान द्वारा यही संदेश मिला है, यह उद्गार चिन्मय मिशन दिल्ली से आए स्वामी प्रकर्षआनंद ने भेल के स्वर्ण जयंती हॉल में अपने उद्बोधन में कहे.

अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान चिन्मय मिशन के उत्तर जोन के अध्यक्ष ने अपने उत्साहवर्धक व्याख्यानो के माध्यम से चिन्मय डिग्री कॉलेज के छात्रों एवं भेल के इंजीनियर, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों को सफल जीवन जीने की कला बताइ.
चिन्मय शैक्षिक समिति के अध्यक्ष कर्नल राकेश सचदेवा ने कहा कि हम स्वामी जी को हरिद्वार में पाकर अति हर्षित और गौरवान्वित है इनके व्याख्यान से निश्चित ही छात्रों को लाभ होगा

हरिद्वार मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित भेल ऑडिटोरियम में शाम के सत्र में स्वामी जी ने कहां की एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के 4 हिस्से होते हैं -शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक एवं बौद्धिक. यह चारों व्यक्ति के स्पिरिचुअल कोशीएंट यानी उसके आध्यात्मिक स्तर पर निर्भर है . जितना व्यक्ति का आध्यात्मिक स्तर ऊंचा होगा उतना ही वह परफेक्ट इंसान होगा और हर कार्य में उसकी निपुणता दिखाई देगी.उन्होंने भगवत गीता से श्लोक सुनाते हुए इस बात की पुष्टि भी की .
चिन्मय डिग्री कॉलेज मैं 3 दिन अपने सत्र में छात्रों से सफलता के मूल मंत्र पर चर्चा की.कॉलेज के अध्यापकों से उन्होंने उन्होंने गीता से किस तरह अपने मन के अंदर यात्रा शुरू करें, के बारे में बताया.

इससे पूर्व भेल सीएफएफपी के जीएम इंचार्ज वी के रायजादा ने पुष्पगुच्छ देकर स्वामी प्रकर्षआनंद का अभिनंदन किया. हरिद्वार मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके सोमानी, सचिव आलोक सिंह, भेल के एजीएम राकेश मानिकतला जीएम मानव संसाधन पंकज कुमार श्रीवास्तव , साधना सचदेवा, चिन्मय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य आलोक अग्रवाल, डॉ० वैष्णो दास शर्मा, डॉ० दीपिका , डीपीएस के प्राचार्य अनुपम जग्गा, नेहा मलिक, ज्योत्सना, एडवोकेट मनीष भारद्वाज आदि मौजूद रहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *