रानीखेत (सतीश जोशी): उत्तराखण्ड की संस्कृति, आर्थिकी एवं देव महत्व के लिए प्रसिद्ध चारधाम यात्रा सरकार के भारी कुप्रबंधन एवं सरकारी अव्यवस्था के चलते बेपटरी हो गई है। यात्रा में भारी संख्या में पहुँच रहे श्रद्धालुओं के लिए सरकार द्वारा सुनियोजित व्यवस्था ना होने के कारण अभी तक लगभग 60 लोगों की मौत हो चुकी है जिसके लिये सरकार एवं उसके अधिकारी ज़िम्मेदार हैं। सोशल मीडिया एवं अख़बार, चैनलों में वायरल हो रहे भारी सरकारी कुप्रबंधन के वीडियो से उत्तराखंड की छवि विश्व भर में धूमिल हो रही है। जहां एक ओर चालीस चालीस घंटे से अधिक के जाम, यात्रा रूट पर पर्याप्त रोशनी, सुरक्षा एवं रहने खाने की व्यवस्था ना होने से लोग बेमौत मर रहे हैं वहीं दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एवं उनके मंत्रीगण विभिन्न राज्यों में चल रहे चुनावों की चुनावी सभाओं में व्यस्त हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने यह बात अपने ग्रह क्षेत्र रानीखेत में पत्रकारों से कही। चार धाम यात्रा में उमड़ रहे लाखों की संख्या में श्रधालुओं की इस फ़ज़ीहत एवं भारी अवबस्था के चलते कइयों की मौत से बौखलाए प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार को इन यात्रियों की मौत का ज़िम्मेदार तक ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में आई भीषण केदारनाथ आपदा को सरकार के बेहतरीन प्रबंधन एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री की कार्यकुशलता ने कुछ ही महीनों में केदारनाथ यात्रा को सुगम संचालित कर एक मिशाल क़ायम की थी। आज जब चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड की संस्कृति , आर्थिकी एवं पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र है फिर यात्रा प्रारंभ होने से पहले सरकार द्वारा सारी व्यवस्थाएँ चाक चौबंद क्यों नहीं की गई। यात्रा मार्ग पर रजिस्ट्रेशन सहित रहने के लिए जगह जगह पड़ाव, स्वास्थ्य, भोजन एवं सुरक्षा आदि की समुचित व्यवस्था ना होने से लंबे समय तक जाम एवं भूख के कारण यात्रियों को अपनी जान तक देनी पड़ रही है। यात्री सरकार के भारी कुप्रबंधन व्यवस्था के वीडियो बनाकर दुनिया भर में वायरल कर रहे हैं जिससे राज्य की छवि ख़राब हो रही है। बार बार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी प्रबंधन में लगे अधिकारियों के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही है। इससे प्रतीत होता है कि संबंधित अधिकारियों को सरकार का भी भय नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विगत दिनों उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कुमाऊँ दौरे के दौरान भी यात्रियों को पर्यटक सीजन में भारी अवस्था और परेशानी का सामना करना पड़ा। उपराष्ट्रपति महोदय को राजमार्ग से लाने की बजाय हेलीकाप्टर से कैंची धाम लाया जाता तो यात्रियों, दुकानदारों एवं मरीज़ों की भारी फ़ज़ीहत नहीं होती। पूरा पूरा रूट डाईवर्ट करने एवं 70-80 गाड़ियों के क़ाफ़िले में उपराष्ट्रपति को दर्शन कराने लाने में सरकार ने लाखों रुपयों की बर्बादी अलग से की। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार को सुझाव देते हुए अपील की कि लेह एवं लद्दाख की तर्ज़ पर चारधाम यात्रा में भी जगह जगह आक्सीजन पार्लर बनने चाहिए। पोस्ट कोविड इंपैक्ट के बाद अब कोविशील्ड के दुष्परिणाम दुनिया के सामने आ रहे हैं जिस कारण यात्रा मार्ग पर जगह जगह आक्सीजन पार्लर एवं कार्डियक डॉक्टर की नियुक्ति ज़रूरी है।
श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन की अवधि 8 माह पूर्व से होनी चाहिए एवं सिर्फ़ रज़िस्टर्ड यात्री ही यात्रा पर आयें इसके लिए प्रशासन को सख़्ती से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ यात्रा मार्ग से पूर्व का पड़ाव जोशीमठ में पहले यात्रियों को काफ़ी सुविधाएँ विकल्प के रूप में उपलब्ध हो जाती थी लेकिन जोशीमठ में हुई 80 प्रतिशत बर्बादी के बाद भी आज तक सरकार ने होटलों, भवनों, भोजनालयों, अस्पतालों को पुनः स्थापित करने की कोई पहल नहीं की है। जिस कारण सरकार की भारी फ़ज़ीहत हो रही है।

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