हरिद्वार/ एडमिन

वाराणसी। भगवान बिना अन्न जल के रह सकते हैं तो भला उनका भक्त कैसे अन्न जल ग्रहण कर सकता है। इस संकल्प के साथ स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अन्न व जल त्याग कर दिया है। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 4 जून से बनारस स्थित श्री विद्या मठ परिसर में अन्न जल त्याग कर दिया है । उनके इस कदम के बाद से देश भर में शंकराचार्य के अनुयायियों में भारी रोष है।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी में लिंग के प्रमाण मिलने के बाद हिंदू पक्ष लगातार वहां पर पूजा का अधिकार दिए जाने की बात कर रहा है। इसी बात को लेकर ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने प्रतिनिधि शिष्य को ज्ञानवापी परिसर में स्थित विश्वेश्वर ज्योर्तिलिंगकी पूजा अर्चना शुरू करने का निर्देश दिया। गुरु आज्ञा पालन के क्रम में अपने तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार 4 जून को अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती अपने शिष्यों व अनुयायियों के साथ ज्ञान व्यापी परिसर पूजन के लिए जा रहे थे। लेकिन पुलिस के कड़े पहरे ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया । इससे गुस्साए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती विद्या मठ के गेट पर अन्न जल त्याग कर अपना विरोध शुरू कर दिया। उनके इस निर्णय के बाद देशभर में शंकराचार्य के अनुयायियों में खासा आक्रोश है।


ब्रहमकपालतीर्थपुरोहितपंचायतसमिति बदरीनाथ के अध्यक्ष उमेश सती ने कहा कि स्वामी श्री को पूजन का अधिकार नहीं दिया जाता है तो देश भर में शंकराचार्य के समर्थक, शिष्य व सनातनधर्माबलंबि बनारस कूच करेंगे। चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के लगातार गिरते स्वास्थ्य पर चिंता जाहिर की है।

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