हरिद्वार/ एडमिन

कोविड-19 विश्व महामारी के कारण अनेक देशों में लाक डाउन लगाए जाने के पश्चात पर्यावरण जागरूकता के प्रति लोगों की रूचि में सहसा तेजी देखी गई। प्रदूषण कारकों में कमी आने के कारण दशकों से न दिखने वाली पर्वत-मालाएं फिर से दृश्यवान हो उठीं।जल की गुणवत्ता बेहतर हुई तथा पर्यावरण की उपेक्षा से हुए नुकसान के प्रति भी जागरूकता पैदा हुई। पर्यावरण सुरक्षा तथा जागरूकता के क्षेत्र में कार्य करने वाली भारत में रजिस्टर्ड एन जी ओ -स्फीहा , जिसकी शाखाएं दुनिया के अन्य स्थानों तक फैली हैं, द्वारा वर्ष 2006 से ही बच्चों के लिए ड्राइंग एंड पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।
इस वर्ष स्फीहा द्वारा 5 दिसंबर को 16 वां अंतरराष्ट्रीय ड्राइंग एंड पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसके लिए 5000 से अधिक बच्चों ने पंजीकरण करवाया।यह प्रतियोगिता4 देशों में 200 से अधिक स्थानों पर स्फीहा-वालंटियर्स की निगरानी में आयोजित की गई।
ड्राइंग एंड पेंटिंग से छोटे बच्चों में लिखने, पढ़ने,सृजनशीलता जैसे कौशल विकास के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास भी पैदा होती है। इससे बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक बेहतरीन मौका मिलता है और जब इस प्रयास में पर्यावरण जागरूकता का विषय जुड़ जाता है तो चमत्कार सा घटित हो जाता है।
इस वर्ष यह प्रतियोगिता विभिन्न आयु-वर्ग के बच्चों के लिए आयोजित की गई थी जिसमें 3 सप्ताह के बच्चों (माताओं की सहायता से) से लेकर 12 वीं क्लास में पढ़ने वाले विद्यार्थी शामिल थे। प्रतियोगिता के लिए पर्यावरण से जुड़े अनेक विषय रखे गए थे जैसे-वृक्ष,पशु, पक्षी इत्यादि,जल संरक्षण, पर्यावरणीय निरंतरता नवाचार, प्रदूषण-स्वास्थय के लिए खतरा।इन‌ सब का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना तथा हेल्थकेयर हैबिटेट के ल

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