हरिद्वार। जिला कारागार हरिद्वार में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन हरिद्वार चैप्टर की ओर से तथा बॉडी माइंड हीलिंग सेंटर ने मिलकर जिला कारागार में कैदियों के लिए विशेष कार्यशाला का समापन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस शिविर में आर्ट ऑफ लिविंग के सीनियर फैकल्टी तेजेंद्र सिंह ने कैदियों को जीवन जीने के आसान गुर सिखाए तनाव से कैसे निपटा जाए और अपने मन से कैसे बदले की भावना से बचकर फिर से एक नया इंसान बनकर यह जीवन सुखी और आनंदमय जी सकें।
श्री श्री रविशंकर जी द्वारा प्रदान की गई सुदर्शन क्रिया का अभ्यास कराया गया।
सुदर्शन क्रिया के अभ्यास से अनिद्रा सिर दर्द दौरे पड़ना चक्कर आना डिप्रेशन तनाव चिंता मधुमेह दमा जैसे रोगों में अत्यंत लाभ होता है कठिन समय में मन को कैसे शांत रखा जाए किस तरह मन को वर्तमान में रहकर खुश रहा जाए यह गुर भी सिखाए गए।
सांस लेने के बेहतर तरीके सिखाए गए और सांस का महत्व समझाते हुए छोटे छोटे प्रयोग कराए गए उन्होंने बताया कि स्वास ग्रहण करने व छोड़ने के गलत तरीकों के कारण हम अपने फेफड़ों की पूरी क्षमता का केवल 30% ही प्रयोग कर पाते हैं। सांस लेने का सही अभ्यास कराया गया। कार्यशाला में योग, प्राणायाम, अनुलोम विलोम फिटनेस एक्सरसाइज तथा मन की शांति के लिए ध्यान कराया गया।
इस अवसर पर लगभग 100 बंदियों ने सुदर्शन क्रिया सीखी और बेसिक योग प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉक्टर आर सी गैरोला ने कहा कि इस तरह के शिविर से हमारे बंदियों के रोजमर्रा के जीवन में मानसिक शांति और शरीर स्वस्थ होने में मदद मिलती है हम चाहेंगे कि। हम चाहेंगे कि आर्ट ऑफ लिविंग हरिद्वार चैप्टर भविष्य में भी इस तरह के प्रोग्राम हमारे कारागार में करते रहें।
इस शिविर को करने में श्री मनोज कुमार आर्य सीनियर सुपरीटेंडेंट , डॉक्टर आर सी गैरोला से मार्गदर्शन मिला और हर तरह से सफल बनाने में श्री मनीष बहुगुणा और श्री संतोष जोशी के सहयोग से यह शिवर सुंदर तरीके से संपन्न हुआ।

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