हरिद्वार। श्री अखंड परशुराम अखाड़े की ओर से जिला कारागर रोशनाबाद में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के सातवें दिन कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने गणेश जन्म कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि एक समय स्नान के लिए जाते समय माता पार्वती ने हल्दी के उबटन से एक पुतला बनाया। जो माता पार्वती की शक्ति से बालक के रूप में प्रकट हो जाता है। माता पार्वती ने उसका नाम गणेश रखा और उसे पहरा देने के लिए द्वार पर बैठा दिया। जब भगवान शिव आए तो बालक गणेश ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इस पर शिवजी क्रोधित हो गए और उन्होंने त्रिशूल से गणेश का सिर काट दिया। बाद में पार्वती के क्रोधित होने पर शिवजी ने हाथी का सिर काटकर गणेश के धड़ से जोड़कर उन्हें पुनर्जीवित कर दिया। लेकिन माता पार्वती का क्रोध शांत नही हुआ और वे कहने लगी कि मेरे सुंदर बालक को कुरूप बना दिया। तब सभी देवताओं ने गणेश को आशीर्वाद दिया कि सबसे पहले गणेश की पूजा की जाएगी। गणेश पूजा के बाद ही अन्य देवी देवता पूजन स्वीकार करेंगे। तब से सर्वप्रथम गणेश पूजन के बाद ही अन्य देवी देवताओं का पूजन किया जाता है। कथाव्यास ने कहा कि जो भक्त शिव महापुराण कथा के इस प्रसंग का श्रवण करते हैं। उनकी समस्त मनोकामनाएं गणेश जी पूर्ण करते हैं। इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, राष्ट्रीय प्रवक्ता भागवताचार्य पंडित पवनकृष्ण शास्त्री, जेल अधीक्षक मनोज आर्य, आचार्य विष्णु शर्मा, आचार्य संजय शर्मा, जलज कौशिक, विष्णु गौड़, राज्य मंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि, मनोज गौतम, रूपेश कौशिक, मुकेश कुमार, साहिल गौतम, दीपक कुमार, सुधीर रोहिल्ला, बृजमोहन शर्मा, सत्यम शर्मा, मनोज तिवारी, रोहित शर्मा, राकेश कुमार आदि ने व्यास पूजन किया और कथा श्रवण का लाभ लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *