

रानीखेत (सतीश जोशी) पिछले दिनों भारी बारिश के चलते रानीखेत- वलना मोटर मार्ग वलना जूस फ़ैक्ट्री के पास क़रीब 50 मीटर सड़क के साथ 30 फीट नीचे धँस गया। जिससे सड़क के ऊपरी भाग में निवास कर रहे गिरीश चंद्र पंत का मकान बुरी तरह से ख़तरे की जद में आ गया है। मुख्य मार्ग होने से वाहन स्वामी ख़तरा मोल लेकर टूटी सड़क पर ही अपने वाहनों को चला दे रहे थे जिस कारण सड़क लगातार नीचे की ओर धंसती जा रही है।अब इस मार्ग को पूरी तरह लकड़ियों से बंद कर दिया गया है। सड़क के किनारे निवास कर रहे मकान स्वामी गिरीश चंद्र पंत का कहना है कि 2008 मैं जब इस सड़क का निर्माण हुआ था उस समय भी उनका पुराना मकान पूर्णतया ध्वस्त हो गया था। लगातार 2016 तक आठ साल वह विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई ना ही कोई मुआवज़ा मिला। बड़ी मुश्किल से उन्होंने कर्जा लेकर नये मकान का निर्माण कराया। दो दिन पूर्व आई भीषण बारिश में क़रीब 50 मीटर मुख्य मार्ग उनके नये घर के ठीक सामने से क़रीब 30 मीटर धँस गया है। लगातार सड़क के दरकने से उनका मकान अति संवेदनशील स्थिति मैं है दोबारा बारिश आने पर कभी भी जान माल का ख़तरा हो सकता है। वलना ग्राम प्रधान राजेंद्र पंत ने कहा कि वह दो दिन से का मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी उक्त सड़क को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। ग्राम प्रधान एवं गिरीश चंद्र पंत की शिकायत पर नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्टस इंडिया के ज़िलाध्यक्ष सतीश जोशी ने मौक़े पर जाकर मामले को देखा। मामला वाक़ई संगीन होने से तत्काल नायब तहसीलदार हेमंत सिंह माहरा को अवगत कराया गया। उन्होंने तुरंत क्षेत्रीय पटवारी सोनू कुमार को मौक़े पर भेज रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। हेमंत माहरा ने कहा कि यह मामला लोग निर्माण विभाग का है लेकिन वह इस गंभीर मामले को संयुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष रख तत्काल समाधान करने का प्रयास कर रहे है। जहां 2 दिन से स्थानीय कई गावों के लोग मुख्य मार्ग टूटने से परेशान हैं वहीं सड़क के पास रहने वाले गिरीश चंद्र पंत के साथ घर गिरने से कभी भी अनहोनी होने की संभावना है। अब देखना ये होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे का संज्ञान कितनी गंभीरता से लेकर लोगों को इस समस्या से निजात दिलाता है। बहरहाल लोगों ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि तत्काल इस मार्ग पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाये ताकि मकान गिरने से जान माल का नुक़सान ना हो और मार्ग खुलने से स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी का भी समाधान हो सके।