रानीखेत (सतीश जोशी):
छावनी परिषद के सिविल एरिया को अलग कर नगरपालिका परिषद में शामिल करने की आख्या तैयार करने से पूर्व जिलाधिकारी विनीत तोमर के‌ निर्देश पर संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत जय किशन द्वारा क्षेत्रीय लोगों का मत जानने के लिए आयोजित बैठक में पिछले संघर्षरत समिति के सदस्यों को न बुलाए जाने से रानीखेत विकास संघर्ष समिति ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजें ज्ञापन में रानीखेत विकास संघर्ष समिति ने कहा है कि प्रशासन द्वारा नगर पालिका में छावनी सिविल एरिया के विलय के संबंध में आख्या पूर्व नागरिकों का अभिमत जानने हेतु आहूत बैठक में पिछले छः माह से पालिका में शामिल होने की मांग को लेकर आंदोलनरत रानीखेत विकास संघर्ष समिति को न बुलाए जाने से समिति सदस्यों ने घोर नाराजगी व्यक्त की है।कहां कि संघर्ष समिति विगत छह महीने से उपर्युक्त मांग को लेकर गांधी पार्क में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही है। संयुक्त मजिस्ट्रेट द्वारा उक्त महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा न बनाये जाने पर बिफरे संघर्ष समिति के लोगों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेज शिकायत की है। ज्ञापन में कहा गया‌‌ है कि संयुक्त मजिस्ट्रेट जयकिशन को पूर्व में समिति द्वारा कहा गया था कि नगर पालिका में विलय को लेकर कोई भी बैठक होने पर समिति को अवगत कराया जाय परन्तु शुक्रवार को तहसील में आयोजित बैठक में संघर्ष समिति को नजरअंदाज किया जाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जिसका समिति कड़ा विरोध दर्ज करती है। रानीखेत संघर्ष समिति ने भविष्य में स्थानीय नागरिकों द्वारा बनाई गई समिति के सदस्यों की भविष्य में अनदेखी किये जाने पर प्रशासन के खिलाफ उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है।

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