हरिद्वार। नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद हरिद्वार कांग्रेस को कार्यकर्ता ढूंढने से भी नहीं मिल रहे है। वर्तमान महानगर कांग्रेस के हालात ये हो गए है कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर बमुश्किल 10- 12 नेता और कार्यकर्ता ही प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं।
पिछले दिनों उत्तराखंड की विधान सभा में मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल की विवादित टिप्पणी पर महानगर कांग्रेस द्वारा किए गए प्रदर्शन में केवल 15- 20 नेता और कार्यकर्ता ही नजर आए थे। आज एक बार फिर जब महानगर अध्यक्ष को उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के मेला नियंत्रण कक्ष में बैठक लेने हेतु हरिद्वार आने की सूचना मिली तो महानगर के बैनर तले विरोध प्रदर्शन करने के लिए मेला नियंत्रण भवन के बाहर बमुश्किल 10- 12 नेता और कार्यकर्ता ही पहुंचे, जिन्हें वहां तैनात पुलिस बल द्वारा जबरदस्ती बाहर खदेड़ दिया गया। हालांकि मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल का हरिद्वार दौरा पहले ही रद्द हो चुका था।

निकाय चुनाव के बाद हरिद्वार कांग्रेस दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है। भविष्य में यदि हरिद्वार कांग्रेस का यहीं आलम रहा तो आगामी विधानसभा चुनाव 2027 के लिए यह अच्छे संकेत नही हो सकते। कांग्रेस को कई कद्दावर मुस्लिम नेताओं की कमी भी खल रही है। जो कि उनके प्रदर्शनों की रौनक माने जाते थे। कांग्रेस के पिछडने का एक कारण टिकट बंटवारे में कई नेताओं को नजरअंदाज करना और निकाय चुनाव में करारी शिकस्त मिलना भी माना जा सकता है।

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