हरिद्वार। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकर्रम अंसारी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनकी पुत्री विधायक अनुपमा रावत के द्वारा विधानसभा सत्र में हरिद्वार एवं मैदान के मुद्दे पर चुच्पी साधने से नाराज होकर कई ग्राम प्रधानों एवं समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने कहा कि पहाड़ क्षेत्र के निवासियों ने जिन्हें नकार दिया ऐसे नेताओं को हरिद्वार मैदानी क्षेत्र ने चुनाव जीताकर संजीवनी दी। लेकिन धर्मनगरी के विकास को लेकर उदासीनता बरती। हरिद्वार के विकास के लिए बात नहीं की।
प्रेस वार्ता में मुकर्रम अंसारी ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि अल्मोड़ा से तिरस्कृत होने के बाद हरिद्वार से सांसद बनाकर, केंद्रीय मंत्री, फिर मुख्यमंत्री बने, फिर यही से ही अपनी पत्नी, फिर पुत्री, बेटा को चुनाव में उतारकर राजनीतिक पारी शुरू की। लेकिन इनके किसी भी परिजन ने हरिद्वार के मुद्दों को लेकर एक बात तक नहीं की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यकाल हो या केंद्रीय मंत्री का, हरीश रावत के नाम पर एक भी उपलब्धि नहीं है। उन्होंने पूर्व विधायक स्वर्गीय अंबरीष कुमार के आदर्शों और उनके द्वारा हरिद्वार के उठाए गए मुद्दों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के नेता बोल नहीं सकते, उनके विकास और मुद्दों की बात नहीं करते, ऐसी पार्टी से रिजाइन करना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस से रिजाइन की घोषणा करते हुए मिशन- 2027 के लिए मैदान में उतरने का ऐलान किया। मुर्करम अंसारी ने कहा कि मूल-निवास प्रमाण पत्र पर जमीन का सर्किल रेट ज्वालापुर को कुंभ मेला क्षेत्र से बाहर रखा गया। र्स्माट मीटर का बोझ सिर्फ हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर की जनता पर डाला जा रहा है। किसानों के बिजली बिलों में कोई छूट नहीं देना सरकार की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है। इस मौके पर पार्षद नईम कुरैशी, मुंसी शकील अहमद, नजाकत प्रधान, सराय के प्रधान मनीष, कटारपुर के सचिन प्रधान, नूर अहमद, हाजी कासिम राव, आदिल खान, सानू अंसारी, गुलशेर, नीरज, इमरान, लक्ष्मण कश्यप, संजीव पाल, सगीर अहमद, हाजी मंसूर, हाजी लियाकत, फुरकान ठेकेदार, अकरम अंसारी, वझूल कमर, ऋषिपाल, प्रधान नूर अहमद, सकील, गुलशेर प्रधान, आमिर कुरैशी, अहान कुरैशी, साजिद अली, जुल्फूकार आदि शामिल हुए।

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