
हरिद्वार। गुरुवार को जिला भाजपा कार्यालय हरिद्वार पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल काला दिवस के 50 वर्ष पूर्ण होने पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि 1975 का आघातकारी आपातकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक कलंक से कहीं अधिक है यह इस बात की याद दिलाता है कैसे इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने हमारे लोकतंत्र के ताने बाने को नष्ट करने की कोशिश की थी।
25 जून 1975 को आधी रात से पहले भारत की लोकतांत्रिक धड़कन अचानक थम सी गई जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 352 का इस्तेमाल करते हुए पूरे देश में आंतरिक आपातकाल घोषित कर दिया था।
तत्कालीन सरकार द्वारा आम जनमानस का अंग्रेजों से भी ज्यादा दमन किया गया, वह भूल जाते हैं कि उन्हीं की सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लागू की तो लोकतंत्र के चारों स्तंभों को ध्वस्त करते हुए देश में लाखों लोगों की जबरन नसबंदी कर दी गई, वही मीडिया के चौथे स्तंभ के अनेको अखबारों को बंद कर दिया गया। कई हजार पत्रकारों को जेल भेज दिया गया देश के प्रत्येक प्रमुख विपक्षी राजनेता को या तो जेल भेज दिया गया अथवा नजरबंद कर उनका उत्पीड़न किया गया। आज देश की युवा पीढ़ी को काले इतिहास को विस्तार से बताने की आवश्यकता है जिससे उन्हें मालूम पड़े कि जो लोग विश्व पटल पर जाकर लोकतांत्रिक भारत में लोकतांत्रिक हनन की बात करते हैं उनका स्वयं का इतिहास कितना बदनुमा और दागदार है। आज फिर कांग्रेस के नेता देश की जनता में झूठ फैलाने की बात कर देश में फिर से अराजकता का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि हरिद्वार से वैसे तो सैकड़ों की संख्या में जनसंघ और आरएसएस कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न सरकारी मशीनरी द्वारा आपातकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री के इशारों पर किया गया था अनेकों कार्यकर्ताओं को जेल में यातनाएं सहनी पड़ी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि हमें घर-घर जाकर भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम युग में पूर्व के काले इतिहास को भी बताना पड़ेगा जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी यह तय कर सके कि इस देश का भविष्य किन हाथों में सुरक्षित रहेगा।
जिला अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व आपातकाल का दंश संपूर्ण देश को झेलना पड़ा था।
राष्ट्रीय स्थिरता बनाए रखने के नाम पर उन्हीं कांग्रेस नेताओं ने जो देश सेवा का दावा करते थे गिरफ्तारियां, प्रेस, सेंसरशिप और नागरिक स्वतंत्रता के निलंबन का शासन चलाया। भारतीय लोकतंत्र और राजनीति का यह सबसे दु:खद दिन था आज इस अवसर पर आपातकाल के विरोध में उठी हर आवाज को मैं नमन करता हूं। तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने सत्ता की मनमानी करते हुए संविधान का मजाक उड़ाते हुए हुए लोकसभा तक का कार्यकाल छः वर्ष कर दिया गया था।
इस अवसर पर आपातकाल के समय पीड़ित परिवार से पहुंचे अभिनंदन गुप्ता को सम्मानित किया गया एवं उनके संस्मरणों को सुना गया।
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, महापौर किरण जैसल, दर्जाधारी राज्य मंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि, पूर्व जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, जिला महामंत्री आशु चौधरी, कार्यक्रम संयोजक अनिल अरोड़ा, मोर्चा प्रदेश महामंत्री ऋषिपाल सिंह, महेंद्र धीमान, अनु कक्कड़, सुशील चौहान, जगपाल सैनी, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, विकास तिवारी, रजनी वर्मा, प्रीति गुप्ता, मोहित वर्मा, मनोज शर्मा, नकली राम सैनी, सचिन निश्चित, सचिन शर्मा, तरुण चौहान, विक्रम भुल्लर, मनीष कुमार, एजाज हसन, मंडल अध्यक्ष विपिन शर्मा, बिंदरपाल, कैलाश भंडारी, अश्वनी कंबोज, रीता सैनी, प्रशांत शर्मा, तुशांक भट्ट, राजेंद्र कटारिया, पवन कपूर, पृथ्वी सिंह राणा, चित्र कुमार सैनी, विवेक चौहान, परमिंदर गिल, यादराम वालिया, मुकुल पाराशर मंजू रावत हरविंदर गिल निशा पुंडीर हीरा सिंह बिष्ट सूबे सिंह तरुण नायर प्रिंस लोहट अनिमेष शर्मा अरुण चौहान सरिता अमोली देवेश वर्मा नाथीराम चौधरी आदि उपस्थित रहे।