देहरादून

देहरादून में कलेक्ट्रेट से रिटायर्ड कर्मचारी की फर्जी आईडी बनाकर जालसाजी और धोखाधड़ी से करोड़ों की जमीन बेचने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि फर्जी आईडी बनाकर करोड़ों की जमीन बेचने वाले व्यक्ति की शिनाख्त 2 सरकारी कर्मचारियों ने की है यानी फर्जी बेनामी में जो दो गवाह है दोनों ही सरकारी कर्मचारी है। जिसकी शिकायत पीड़ित द्वारा एसएसपी देहरादून से की गई है। जिसके बाद पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।

देहरादून के गांव अम्बीवाला थाना वसंत विहार ,निवासी भरत लाल ने देहरादून के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी को एक प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि उनकी खाता संख्या 2191 खसरा नंबर 870 रकबा 2213 वर्ग मीटर मौजा ईस्ट हॉप्टाउन परगना पछवा दून, तहसील विकासनगर में एक जमीन है जिसके वे एकमात्र मालिक और काबिज चले आ रहे है। पिछले दिनों कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि उनकी जमीन की आरोपी राजेंद्र उर्फ कल्लू निवासी अम्बीवाला ने फर्जी आईडी बनाकर बेच दी है। आरोपी ने उक्त जमीन के दो बैनामे किये है। खोजबीन करने पर पता चला कि आरोपी ने फर्जी आईडी तैयार करके नाजायज लाभ कमाने के लिए 7 सितंबर 2020 को एक बैनामा दीपक कुमार पुत्र भरोसानंद ,निवासी पौड़ी, दूसरा बैनामा दलीप सिंह बिष्ट पुत्र एमएस बिष्ट निवासी कोटद्वार को किया है। दोनों क्रेताओं ने यह जानते हुए कि जमीन बेचने वाला भरत लाल नहीं है फिर भी हमसाज होकर इस जमीन को खरीदा है। खास बात है कि 2 सरकारी कर्मचारी सन्नी शर्मा और भूपेंद्र सिंह इन बैनामो में गवाह बने हैं। जिन्होंने आरोपी राजेंद्र उर्फ कल्लू के जमीन के मालिक भरत लाल के रूप में शिनाख्त करके धोखाधड़ी की है। पीड़ित ने एसएसपी को बताया है कि वह कलेक्ट्रेट देहरादून से रिटायर्ड कर्मचारी हैं उक्त भू माफियाओं ने जालसाजी से मेरी फर्जी आईडी तैयार करके मेरी करोड़ों की जमीन बेच दी है। जिस पर इन भू माफिया के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ।पीड़ित ने उक्त भू माफियाओं से अपनी जान माल का खतरा भी बताया है। शिकायत मिलने के बाद एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने कार्रवाई के लिये पुलिस को निर्देशित किया है।अब पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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