
हरिद्वार। सोमवार को कलश यात्रा श्री महंत रवींद्र पुरी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम, आचार्य महामंडलेश्वर निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज, सचिव श्री महंत राम रतन गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि एवं उपस्थित सन्तो, महामण्डलेश्वरों के द्वारा
चरण पादुका स्थल पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पवित्र प्रांगण से पशुपतिनाथ के लिए रवाना की गयी। यात्रा मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, भैरवा होते हुए तीन नवम्बर को नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर पहुँचेगी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां गंगा से विश्व कल्याण और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हुए हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयकारे लगाए। पूरे साल इसी जल से नेपाल में भगवान पशुपतिनाथ का विशेष जलाभिषेक किया जाएगा। यह कलश आगामी तीन नवंबर को शिव त्रयोदशी पर भगवान शिव को भेंट किया जाएगा।
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद नेपाल के पशुपतिनाथ तक जाने वाली श्रीगंगा कलश यात्रा रविवार को चरण पादुका स्थल पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी पहुंची। इस दौरान श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया, इसके साथ ही गंगोत्री धाम के मुख्य रावल शिव प्रकाश महाराज से भी सभी श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया। गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज ने बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद हर साल गंगा जल से भरा कलश उत्तरकाशी, टिहरी, हरिद्धार के रास्ते नेपाल पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचाया जाता है, पूरे साल इसी जल से पशुपतिनाथ का विशेष जलाभिषेक किया जाता है। उन्होंने बताया कि जब मां गंगा के कपाट बंद होते हैं और मां लक्ष्मी की पूजा होती है तो उस समय यह कलश मंदिर में रहता है। हर साल यह जल पशुपतिनाथ तक जाता है, उन्होंने कहा कि यह हम सब लोगों का सौभाग्य है कि यह जल नेपाल में पशुपतिनाथ में चढ़ाया जा रहा। उन्होंने बताया कि पूर्व काल से सनातन धर्म में यह वैदिक परंपरा चली आ रही है, श्रद्धालु गंगा जल से भरे कलश के आगे माथा झुका कर मां गंगा से मन्नत पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने बताया कि विश्व कल्याण सुख-समृद्धि के लिए इस कलश यात्रा का अपना एक अलग महत्व है, नेपाल और भारत की अखंडता को बरकरार रखने का भी यह एक संदेश देता है।
इस दौरान श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा, महंत रवि पुरी, श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री महंत राजगिरि, अनिल शर्मा, नमन शर्मा, वरिष्ठ समाज सेवी डॉ. विशाल गर्ग आदि उपस्थित रहे।
