हरिद्वार। हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी डॉ.ललित नारायण मिश्रा के निर्देशों के क्रम में जनपद के समस्त विकासखण्डों में गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में उत्पाद प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु विशेष पहल की गई है। इस क्रम में प्रत्येक विकासखण्ड एवं नगरीय क्षेत्र में उपयुक्त स्थानों पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित विभिन्न स्वदेशी उत्पादों के स्टॉल स्थापित किए गए हैं। इन स्टॉलों में दीपावली एवं त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए दीये, मोमबत्तियाँ, सजावटी सामग्री, पर्यावरण अनुकूल पूजा सामग्री, गृह उपयोगी वस्तुएँ, खाद्य सामग्री, हस्तशिल्प उत्पाद, मसाले, पापड़, अचार तथा अन्य स्थानीय उत्पाद प्रदर्शित एवं विक्रय किए जा रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ.मिश्रा ने कहा कि इन स्टालों का उद्देश्य “वोकल फॉर लोकल” की भावना को सशक्त बनाना तथा ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पाद न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित कर रहे हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी योगदान दे रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ.मिश्रा के निर्देशन में सभी विकासखण्ड अधिकारियों, खंड विकास अधिकारियों तथा नगर निकायों के सहयोग से व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक नागरिक इन उत्पादों की खरीदारी कर स्थानीय महिलाओं के आत्मनिर्भर प्रयासों को प्रोत्साहित करें। इस पहल से न केवल समूहों की आमदनी में वृद्धि हो रही है, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी नई पहचान मिल रही है।
सहायक परियोजना निदेशक -जिला मिशन प्रबंधक डीआरडीए हरिद्वार
नलिनीत घिल्डियाल ने बताया कि 18 अक्टूबर से  समस्त विकासखण्डों 87 स्टॉल लगाए गए एवं लगभग ₹100000 रुपए की बिक्री हुई I
यह प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को सृजित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है, जो हरिद्वार जनपद को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कर रहा है।

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