हरिद्वार। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के कैम्प कार्यालय प्रज्ञाकुंज, जगजीतपुर पर अहमदाबाद के दर्दनाक हादसे में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट के मौन के साथ शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना भी की गई।
इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार ने उपस्थित सेनानी परिवारों तथा गणमान्य नागरिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस दुःखद घड़ी में संपूर्ण राष्ट्र को एकजुट होने, पीड़ितों के साथ खड़े होने और मानवीय संवेदनाओं को और गहराई से समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह हादसा न केवल गुजरात की पीड़ा है, बल्कि पूरे भारत की पीड़ा है। यह एक ऐसी क्षति है जिसे केवल आंकड़ों में नहीं बाँधा जा सकता है। इस हादसे में युवा डॉक्टर भी प्रभावित हुए हैं जो सेवा भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, स्वास्थ्य सेवा से जुड़े ये युवा चिकित्सक, जो देश के उज्ज्वल भविष्य का प्रतिनिधित्व करते थे, इस तरह से असमय हमसे विदा हो जाएंगे, यह किसी ने भी नहीं सोचा रहा होगा।
संयुक्त सचिव अनुराग सिंह ने इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जी के निधन को अत्यंत दुःखद और देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
कोषाध्यक्ष आदित्य गहलौत ने महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी का शोक सन्देश पढ़कर सुनाया, रघुवंशी ने शोक सन्देश में लिखा कि अहमदाबाद में घटित भयावह विमान हादसे की दु:खद व पीड़ादायक खबर ने सम्पूर्ण देश को गहरे शोक में डुबो दिया है। यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं थी, यह असंख्य परिवारों के सपनों, रिश्तों और मुस्कानों के अचानक बिखर जाने की एक ऐसी असहनीय पीड़ा है, जिसके सामने सभी स्तब्ध और मौन हैं, इसके बारे में सोचकर ही हृदय सुन्न हो जाता है और आँखें नम हो जाती हैं। हम बस उनके साथ प्रार्थनाओं में खड़े हो सकते हैं। सर्व समर्थ परमात्मा उन परिवारों को इस असह्य दु:ख को सहन करने की शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करें। यह प्रार्थना करते हैं।
शोक सभा शान्तिपाठ के साथ सम्पन्न हुई, इसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार, संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह राणा, कैलाश वैष्णव, वीरेन्द्र गहलोत, अनुराग सिंह गौतम, आदित्य गहलोत, परमेश चौधरी, अशोक चौहान, जोगिंद्र सिंह तनेजा, मनीषा चौहान, मोनू शर्मा, शिवेंद्र गहलोत, सत्यवीर सिंह तथा अवतार सिंह सहित स्थानीय गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।

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