हरिद्वार। शनिवार को भारत विकास परिषद भेल ज्वालापुर हरिद्वार शाखा का अधिष्ठापन समारोह एवं तीज महोत्सव कार्यक्रम चंद्राचार्य चौक स्थित होटल में बड़े आयोजित किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. संदीप वेदालंकार एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा भारत माता एवं विवेकानंद की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एम्बेसडर डॉ. मनु शिवपुरी द्वारा वंदे मातरम गीत प्रस्तुत किया गया। डॉ. मनु शिवपुरी द्वारा मंच संचालन हमारी देव वाणी संस्कृत में किया गया। बालिका वैष्णवी झा ने शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया जिसने सबका मन मोह लिया। मुख्य अतिथि, मंचासीन अन्य अतिथियों एवं अन्य शाखाओं से आए हुए दायित्वधारियों का माला और अंग वस्त्र से सम्मान किया गया।
हरिद्वार जिला समन्वयक एवं निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार शर्मा द्वारा मंचासिन अतिथियों का परिचय कराया गया एवं पिछले वर्ष किए गए विभिन्न सामाजिक कार्यों के बारे में सदस्यों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह शाखा बड़ी प्रतिष्ठित शाखा है और इसमें तीन विकास रत्न और 16 विकास मित्र हैं। इस शाखा का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली रहा है। इस के सदस्य शाखा के साथ ही प्रांत और राष्ट्रीय स्तर पर कई पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं।
अधिष्ठापन अधिकारी एवं प्रांतीय महासचिव संजय गर्ग ने पर्यावरण विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने नवनिर्वाचित दायित्वधारियों अध्यक्ष आशुतोष शर्मा, सचिव गजेंद्र रतूड़ी, कोषाध्यक्ष सुरेश जैनर, संगठन सचिव संजय संत, संयोजक सेवा विनोद गुप्ता, संयोजक संपर्क राजेंद्र दत्ता, संयोजक संस्कार डॉ. मनु शिवपुरी, संयोजक पर्यावरण भागीरथ पाहवा, संयोजक महिला सहभागिता सुशीला शर्मा एवं नए सदस्यों पवन देवी, विजय सोनी, सियाराम, अरविंद सोनी आदि को उनके पद के कार्य एवं दायित्वों के निर्वहन की शपथ दिलाई।
नव निर्वाचित अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया की त्याग और सेवा से हम समाज का भला कर सकते हैं।
अति विशिष्ट अतिथि एवं प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. मनीषा सिंघल ने परिषद के मूल सिद्धांतों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए एवं परिषद के उद्देश्यों एवं इसकी स्थापना के बारे में सबको परिचय कराया। उन्होंने कहा कि सदस्य अपना योगदान देकर परिषद में विकास रत्न और विकास मित्र बन सकते हैं एवं उनके द्वारा दी गई राशि जरूरतमंदों को सदैव सहायता करती है क्योंकि यह राशि एफडी के रूप में जमा की जाती है और इसके ब्याज से सामाजिक कार्य किए जाते है। अतः उन्होंने सबको बढ़ चढ़कर परिषद के कार्य में अपना योगदान देने का आवाहन किया। मुख्य वक्ता एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर डॉ. सत्येंद्र मित्तल (क्षेत्रीय संयुक्त महासचिव एनसीआर 1) ने बताया कि परिषद के कलेवर में थोड़ा परिवर्तन किया गया है और अब सेवा, संपर्क, संस्कार के साथ-साथ पर्यावरण और महिला सहभागिता को भी शामिल किया गया है। इन आयामों पर विशेष जोर देकर कार्य करने का आवाहन किया।
विशिष्ट अतिथि एवं क्षेत्रीय सचिव सेवा डॉ. बी.पी. गुप्ता ने बताया कि परिषद द्वारा देहरादून सेलाकुई के पास एक धर्मार्थ हॉस्पिटल का निर्माण किया जा रहा है उन्होंने सबसे इसमें योगदान देने कीअपील की।
समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. संदीप वेदालंकार द्वारा बच्चों के चरित्र निर्माण एवं उनको संस्कारित करने पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा की मातृ शक्ति ही बच्चों को संस्कारित कर सकती हैं। उसके लिए माताओं को स्वयं संयमी और विवेकशील होना होगा। उन्होंने नई पीढ़ी को ब्रह्म, वेद और ब्रह्मचर्य का पालन करने हेतु आवाहन किया। उन्होंने राष्ट्र विकास के लिए नवयुवकों को ब्रह्मचर्य, कठिन परिश्रम एवं संस्कारित जीवन जीने को मूलभूत आवश्यकता बताया।
अधिष्ठापन समारोह का समापन जन गण मन राष्ट्रीय गीत के साथ किया गया।

समारोह के द्वितीय सत्र में तीज महोत्सव मनाया गया जिसमें सर्वप्रथम तीज युगल का चयन किया गया जिसमें पति-पत्नी दोनों को ही हरे रंग की वेशभूषा और महिलाओं के 16 श्रृंगार युक्त युगल को वरीयता देते हुए प्रथम स्थान पुष्पा शर्मा एवं वैद्य एम.आर. शर्मा को, द्वितीय स्थान संयुक्त रूप से सुशीला शर्मा एवं के.सी. शर्मा/सुनीता पाहवा एवं भागीरथ पाहवा को एवं तृतीय स्थान डॉ. मनु शिवपुरी एवं मधुर मोहन शिवपुरी ने प्राप्त किया। तीज क्वीन का प्रथम स्थान रेणु सिंह, द्वितीय स्थान सविता शर्मा, तृतीय स्थान स्नेहा पंत एवं चतुर्थ स्थान कमलेश वर्मा ने प्राप्त किया। इसी श्रृंखला में मेहंदी की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें प्रथम स्थान कविता जैनर, द्वितीय स्थान मीनाक्षी जैनर और तृतीय पुरस्कार संयुक्त रूप से पुष्पा शर्मा एवं सुशीला शर्मा ने प्राप्त किया। युगल नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सुनीता पाहवा एवं भागीरथ पाहवा ने प्राप्त किया! एकल नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कविता जैनर एवं द्वितीय स्थान सुशीला शर्मा एवं तृतीय स्थान राजश्री शर्मा ने प्राप्त किया। सभी उपस्थित मातृशक्ति एवं बच्चों को सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
कार्यक्रम का संचालन पूर्व शाखा अध्यक्ष नरेश जैनर एवं डॉ. मनु शिवपुरी जी ने किया। डॉ. मनु शिवपुरी ने मंच संचालन में कहा हमारी देव वाणी संस्कृत अब हमारी उत्तराखंड की द्वितीय राज भाषा है। अतः आज की युवा पीढ़ी को भी इस और आगे बढ़ना चाहिए और संस्कृत को अपनाना चाहिए।
प्रांतीय उपाध्यक्ष ललित पाण्डे, प्रांतीय संगठन सचिव निखिल वर्मा, देवभूमि शाखा की अध्यक्ष सुधा तिवारी, पंचपुरी शाखा के अध्यक्ष विकास गिरी, सचिव कुशल श्रीवास्तव आदि, संस्कार शाखा की सचिव नीलम तोमर एवं कोषाध्यक्ष अग्रवाल, शिवालिक शाखा के अध्यक्ष अंकित गुप्ता, अलकनंदा शाखा के अध्यक्ष दीपक कश्यप एवं सभी शाखाओं के अन्य दायित्वधारियों ने उपस्थित हो कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सभी सदस्यों के परिवारजन बच्चे विशेष रूप से अविनाश ओहरी, आदर्श पाल सिंह तोमर, शाखा संरक्षक विजय सेठी, वैद्य एम.आर. शर्मा, जगदीश लाल पाहवा, पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार गुप्ता, एस.एस. राणा, एडवोकेट पहल सिंह वर्मा, जय शंकर सिंह, आलोक गुप्ता, भागीरथ पाहवा, संजय संत, जसपाल खिलन, अनिल बवेजा, विनोद गुप्ता, मधुर मोहन शिवपुरी, राकेश सिंघल, के.सी. शर्मा, विदेश गुप्ता, राकेश अग्रवाल, एन.के. शर्मा, सुबोध शर्मा, अतुल मित्तल, अजय मित्तल आदि उपस्थित थे।

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