हरिद्वार। बुधवार को एसएमजेएन महाविद्यालय में हर्षोल्लास से केक काटकर अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका सरोज शर्मा ने कहा कि आज के समाज में यदि महिला सशक्तिकरण संभव हो पाया हैं तो उसके पीछे पुरुष का बहुत बड़ा योगदान रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा से महिला को समाज में रोशनी के रूप में कहा गया हैं परन्तु उस रोशनी में जो चमक होती हैं उसके पीछे पुरुष का योगदान होता हैं। अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पर मीनाक्षी शर्मा, रजनी सिंघल, लता शर्मा, पल्लवी राणा, रुचिता सक्सेना, पद्मावती तनेजा आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जा रहा है, जो पुरुषों के सकारात्मक योगदान, उनके कल्याण, और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक विशेष दिन है। इस दिन का उद्देश्य पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना, लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करना और समाज में पुरुषों की भूमिका को पहचानना है। प्रो. बत्रा ने कहा कि भारतवर्ष में अधिकतर यह देखा गया हैं कि पुरुष अपने मन की बातों को साझा करने से बचते हैं और मानसिक स्वास्थ्य को परिवार से अक्सर छिपाते हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन पुरुष वर्ग को अपने मन की बात साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने का दिन हैं।
इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि मेंस डे का विचार पहली बार 1990 के दशक में सामने आया था, फिर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलक सिंह ने इसे ऑफिशियली अनाउंस किया था। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस उन समस्याओं पर रोशनी डालता है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
इस अवसर पर जे.सी. आर्य, शिवकुमार चौहान, विजय शर्मा, वैभव बत्रा, दिव्यांश शर्मा, विनीत सक्सेना, यादविंदर सिंह, पंकज भट्ट, पुनिता शर्मा, मोना शर्मा, रेनू सिंह, विनीता चौहान, आशा शर्मा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चंद्र पाण्डेय, प्रिंस श्रोत्रिय, संदीप सकलानी आदि उपस्थित रहे।

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