उत्तराखण्ड / देहरादून। भारत के पहले लेखक गाँव, थानों (देहरादून) में दिनांक 03, 04 एवं 05 नवंबर को तीन दिवसीय साहित्य, कला एवं संस्कृति का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस आयोजन में देश-दुनिया के हज़ारों साहित्यकारों, शिक्षकों और विद्वानों ने सहभागिता की।
भारत का पहला लेखक गाँव, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा स्थापित एवं संरक्षित एक ऐसा अनूठा स्थान है, जो धीरे-धीरे देश और दुनिया के साहित्य, कला एवं संस्कृति प्रेमियों के लिए एक “धाम” बनता जा रहा है। इस महोत्सव में कई महत्वपूर्ण विषयों पर वक्तव्य देने एवं विद्वानों से मिलने का अवसर प्रतिभागियों को प्राप्त हुआ।
इसी आयोजन में भवन्स त्रिपुरा विद्यामंदिर, अगरतला की हिंदी शिक्षिका प्रिया रॉय जी ने त्रिपुरा का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें दो सत्रों में वक्ता के रूप में बोलने का अवसर मिला, जहाँ उनके विचारों और रचनात्मक प्रस्तुति की सभी ने सराहना की।
प्रिया रॉय एक शिक्षिका के साथ-साथ लेखिका और कवयित्री भी हैं। वे बच्चों के लिए प्रेरणादायक लघु कहानियाँ लिख रही हैं, जिनका उद्देश्य बाल मन में सृजनशीलता, नैतिकता और प्रेरणा का संचार करना है। उनकी पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है, और उनके प्रयासों से अब कई विद्यार्थी और बच्चे अपनी रचनाओं के माध्यम से आगे आ रहे हैं। आने वाले समय में अनेक विद्यार्थियों की पुस्तकें भी प्रकाशित होने जा रही हैं।
उनके मार्गदर्शन में कई विद्यार्थियों और बच्चों ने राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
हिंदी भाषा, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रिया रॉय को पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
उनकी यह उपलब्धि न केवल विद्यालय के लिए, बल्कि समूचे त्रिपुरा राज्य के लिए गर्व का विषय है। प्रिय रॉय का यह सम्मान त्रिपुरा की नई पहचान स्थापित करता है।

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