
हरिद्वार। रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक निरंजनी अखाड़े में जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन मां मनसा देवी मंदिर के अध्यक्ष, निरंजनी अखाड़े के सचिव व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने किया। जूना अखाड़े के सभापति श्रीमहंत मोहन भारती महाराज, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर के पीठाधीश्वर व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज, हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्र आनंद महाराज बड़ा अखाड़ा उदासीन के महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद जी महाराज निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्री महंत राम रतन गिरी जी महाराज अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्री महंत बलवंत सिंह महाराज भारत माता मंदिर के महामंडलेश्वर ललिता नंद गिरी महाराज समेत सभी अखाड़ों के साधु-संत बैठक शामिल हुए।
बैठक में मनसा देवी मंदिर हादसे, उत्तराखंड, पंजाब समेत देश के विभिन्न राज्यों की प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से उत्तराखंड आपदा को देखते हुए आपदा के पीड़ितों की आर्थिक मदद करने, सड़क बनाने, लोगों के घर बनाने आदि में उत्तराखंड सरकार का पूरा सहयोग करने का निर्णय लिया गया।
श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदा में कई जान गई तथा कई शिक्षण संस्थान व लोगों के आवास ध्वस्त हो गए, अब आवश्यकता है कि किस प्रकार इन आपदा ग्रस्त लोगों की सहायता की जाए। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद ने निर्णय लिया कि शीघ्र ही परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल आपदाग्रस्त क्षेत्र में जाकर वहां किए जाने वाले कार्यों का प्राथमिकता के आधार पर सर्वेक्षण करेगा तथा प्रदेश सरकार के साथ मिलकर उन क्षेत्रों में सहायता कार्य, निर्माण कार्य व अन्य कार्य करेगा। इसके लिए सभी अखाड़े मिलकर व्यवस्था करेंगे उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में उच्च शिक्षण संस्थान व उच्च चिकित्सालय की नितांत आवश्यकता है। जिसके लिए शासन प्रशासन और अखाड़ा परिषद मिलकर कार्य करेगा ताकि इन क्षेत्रों का आर्थिक विकास हो सके और यहां के युवकों को रोजगार मिले जिससे पलायन पर रोक लग सके।
महामंडलेश्वर वीरेंद्र आनंद गिरि महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांतवर्ती दुर्गम क्षेत्रों में आवासीय विद्यालय खोलने के लिए प्रदेश सरकार से निवेदन किया जाएगा जिसमें अखाड़े भी सहयोग करेंगे और इन विद्यालयों में आपदा में अनाथ हुए बच्चों तथा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा आवास व भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्री महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए साधु-संत पूरे देश में भ्रमण करेंगे और उद्योगपतियों तथा सक्षम लोगों से फंड एकत्रित कर इन क्षेत्रों में विकास कार्य करेंगे।
बैठक का संचालन कर रहे अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि इस बैठक में अर्द्धकुंभ की शाही स्नान की तिथियां पर चर्चा की जानी थी लेकिन पितृ पक्ष के चलते कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी नहीं आ पाए इसलिए यह निर्णय आगामी 18 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में लिया जाएगा।
बैठक में जूना अखाड़े के महामंत्री श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि महाराज, रमता पंच के महंत सुंदर गिरी महाराज, जूना अखाड़े के मंत्री श्रीमहंत ओम भारती महाराज, मंत्री श्रीमहंत महाकाल गिरि महाराज, मंत्री श्रीमहंत मनोज गिरि महाराज, मंत्री श्रीमहंत रनधीर गिरी, श्री महंत पशुपति गिरी, आवाहन अखाड़े के महंत, आनंद अखाड़े के कारोबारी महंत राजेंद्र पुरी, अखाड़ों के रमता पंच, शंभू पंच, श्रीपंच व दिल्ली संत महामंडल के महामंडलेश्वर, श्रीमहंत व महंत आदि मौजूद रहे।