हरिद्वार। अतिवृष्टि से आई भयंकर बाढ़ के कारण जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार तथा असम सहित अधिकांश प्रान्तों की आबादी बाढ़ की त्रासदी झेल रही है, हरिद्वार भी इससे अछूता नहीं रहा है। इस बाढ़ ने अनेकों भाई-बहन तथा बच्चों को असमय ही हम सभी से छीन लिया है, लाखों परिवार बेघर हुए हैं, प्रकृति के इस प्रकोप से स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के भाई-बहन भी मर्माहत हुए हैं। रविवार को हर महीने प्रथम रविवार दस बजे दस मिनट स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के नाम अभियान के अन्तर्गत देशभर में आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में उपस्थित स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के लिए अपने संदेश में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि इस भयावह त्रासदी से हर देशभक्त नागरिक दु:खी हुआ है, सरकार तथा अन्य सामाजिक, धार्मिक संगठनों द्वारा अपने अपने स्तर पर राहत कार्य चलाए जा रहे हैं, इस संकट की घड़ी में स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों को भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार तन, मन और धन से जुटना चाहिए, इसके लिए 14 सितम्बर को स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में बुलाई गई है, जिसमें बाढ़ से वर्तमान में बनी देश की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर गहन विचार विमर्श किया जाएगा और स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की ओर से स्थानीय प्रशासन से मिलकर सहयोग करने का संदेश दिया जाएगा।
इसके पूर्व हर महीने प्रथम रविवार दस बजे दस मिनट स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के नाम अभियान के अन्तर्गत देश के विभिन्न प्रान्तों में आज ध्वजारोहण, राष्ट्रगान, स्मारकों, शहीद स्थलों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि समर्पित करने के साथ ही आजादी के दीवानों की जीवन गाथाएँ सुनाई गईं। इसी क्रम में हरिद्वार जिले में भी शहीद जगदीश वत्स पार्क निकट जटवाड़ा पुल ज्वालापुर, स्वतंत्रता सेनानी स्मृति स्तंभ, वटवृक्ष सुनहरा रुड़की, स्वतंत्रता सेनानी स्तंभ रुड़की, लक्सर बहादराबाद में भी प्रतिमाह की भांति कार्यक्रम आयोजित किए गए।
शहीद जगदीश वत्स पार्क ज्वालापुर में संगठन के मार्गदर्शक मंडल सदस्य वीरेन्द्र कुमार गहलौत ने ध्वजारोहण किया, शहीद जगदीश वत्स की प्रतिमा पर डॉ. वेद प्रकाश आर्य, अरुण पाठक तथा कैलाश वैष्णव द्वारा माल्यार्पण किया गया एवं सभी उपस्थित स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों, गणमान्य नागरिकों द्वारा पुष्पांजलियां समर्पित की गईं। इस अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी अरुण पाठक ने स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति द्वारा देशभर में चलाए जा रहे इस अभियान को नई पीढ़ी को देशभक्ति से अनुप्राणित करने का सशक्त अभियान बतलाया और कहा कि संगठन की एकता का प्रभाव पूरे देश में दिखाई पड़ रहा है।
संगठन के संयुक्त सचिव अनुराग सिंह गौतम ने स्वतंत्रता सेनानी परिवारों से सम्बन्धित प्रशासनिक स्तर पर इस माह किए गए कार्यों की जानकारी दी और बताया कि नवरात्रि के बाद हरिद्वार जिले के स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों की भी बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रशासन स्तर पर लम्बित प्रकरणों की जानकारी लेकर स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के सभी कार्य कराए जाएंगे।
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गेंदनलाल कटियार के सुपुत्र डॉ. वेद प्रकाश आर्य ने आज अपने पिता के जीवन से जुड़े हुए संस्मरणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह स्वतंत्रता आन्दोलन में उनके पिता ने कष्टसाध्य यातनाएं सहते हुए अग्रेजों द्वारा दी गईं यातनाएं सहीं लेकिन उन्होंने हमेशा खादी वस्त्र धोती कुर्ता और टोपी पहना, साथ ही साथ चरखा चलाकर सूत भी तैयार किया करते थे। कैलाश वैष्णव ने कहा कि पितृपक्ष के प्रथम दिन ही हम अपने दिवंगत पूर्वजों को श्रद्धा सुमन समर्पित कर रहे हैं। अन्त में विभिन्न प्रान्तों में बाढ़ से दिवंगत हुई आत्माओं को श्रद्धांजलि समर्पित की गई तथा त्रासदी झेल रहे भाई बहनों को इस विभीषिका से लड़ने की सामर्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना की गई।
उधर स्वतंत्रता सेनानी स्मृति स्तंभ हरिद्वार में वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी मुरली मनोहर ने ध्वजारोहण किया और शहीद जगदीश वत्स की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम में कैलाश चन्द्र वैष्णव, अरुण पाठक, बिजेन्द्र सिंह, वीरेन्द्र गहलोत, अनुराग सिंह गौतम, आदित्य गहलोत, आदित्य प्रकाश उपाध्याय, जोगिंद्र सिंह तनेजा, रमेश चंद्र गुप्ता, डॉ. वेद प्रकाश आर्य, अरविन्द कौशिक, नरेन्द्र कुमार वर्मा, अशोक कुमार दिवाकर, आकाश दीप, चंद्र प्रकाश मगन, अशोक चौहान, अजय कुमार सरोज, परमेश चौधरी, कमल छाबड़ा, शिवेंद्र गहलोत, अंशुल गहलोत, बाल किशन कोरी, मुकेश त्यागी, किशन पाल, राजन कौशिक, खेमपाल, श्रीमती मंजुलता भारती, मनीषा चौहान तथा पद्मा देवी सहित स्थानीय गणमान्य नागरिकों की भी उपस्थिति रही।

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